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score: 9.30162
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on: Mar 16, 2019
ratings: 1
हर किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोई आग के सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुई
हथेली को पसीने नहीं आते
शेल्फ़ों में पड़े
इतिहास के ग्रंथो को सपने नहीं आते
सपनों के लिए लाज़मी है
झेलनेवाले दिलों का होना
नींद की नज़र होनी लाज़मी है
सपने इसलिए हर किसी को नहीं आते
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on: Mar 15, 2019
ratings: 7
........ज़िन्दगी और कुछ नहीं ....jugal bandi
1
तुम हो मेरे दिल के पास
फिर क्यों है दिल तेरा उदास ?
हो तुम तो बहुत ही जहीन
फिर जाना क्यों हो तुम ग़मगीन ?
........................................................................राज...३.०० p m
दिन बदल जाता है अँधेरी रात में ,
ऋतू एक के बाद एक बदलते रहते है ,
इंसान के अंदर भी होता है उतार चढाव ,
अब एक भाव है तो दूसरा ही फल दूसरा भाव ..............शरू ३.३५pm
2
दिन की तरह तुम कहीँ डूब न जाना ,
मौसम की तरह कहीँ तुम बदल न जाना ,
लाख आए उतार चढाव ज़िंदगी में ,
मौकों की तरह कहीँ तुम फिसल न जाना ॥
.........................................................................राज..३.४० pm
कोशिश तो यही रहेगी हमेशा मेरी
मुसाफिर के तरह आगे निकल न जावू
रुख जावू डेरा डाल के एक जगह
फिर भी इंसान होता है विधि के मोहताज .!.................शरू..३.४४pm
3
हमारे प्यार मे विधि का न कोई दखल हो ,
कसम है विधि के नियम को बदल दो ।
खुदा से माँगलूँ तुम्हे तुम पर हक़ है मेरा ,
सदा के लिए डालदो तुम मेरे दिल पर डेरा ॥
.........................................................................राज...३.50pm
मान लिया आप को,आज भी है वही तेवर ,
जो देखी थी बरसों पहले यहां पर यार ,
विधि की नियम को बदल डालने की हिम्मत ,
और खुद को देवदास पारो बनाने की ताकत .............शरू..३.५६pm
4
चाहे जैसे हो हालात ज़िंदगी की रफ्तार कभी न हे थम ,
प्यार मे तेवर बदल जाए तो यारा प्यार हो जाता है कम ।
कसकर रखता हूँ ज़िंदगी को, कभी न देता ढील ,
दुनियाँवालों से देखना एक दिन तुमको लूँगा मैं छीन ॥
..........................................................................राज..४.०३pm
वाह !....क्या ज़िन्दगी है एक घोडा गाडी ?
जो तुम कसके पकड़के रखोगे ..?
ज़िन्दगी कब, कैसे फिसल जाए कोई न जाने ,
रेत् की तरह उंगुलियों के बीच में से अपनी................शरू ४.०७ pm
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on: Mar 7, 2019
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......नारी नहीं अब बेचारी.:----
यह ख्याल आया, नारी नहीं हो तो क्या होता हाल ?
कैसे चलती ये दुनिया, कैसे चलती ये कायनात ?
प्यार की सूरत है, ममता की मूरत है नारी,
कौन केह्ता है अबला है ? अब नारी नहीं है बेचारी,
जिंदगी के हर मोड पर पुरुष से कंधा मिलाकर,
साथ साथ चलती है वो पुरुष को संभालकर,
आज हर क्षेत्रा मे पुरुष से पीचे नहीं है,
राजनेत्री, अभिनेत्री, खेल हो या पढ़ाई, नीचे नहीं है,
जन सेवा हो या सेना, हर जगह अपना रंग जमाया है,
अंतरिक्ष हो या हिमालया, अपना परचम लहराया है,
पर ये तो बस सिक्के का एक पहलू है यार,
नारी को नहीं मिला सम्मान जिसकी है वो हक़दार,
आज भी अपनी बेबसी पर नारी कहीं रोती है,
नारी अब भी अपने सिर पर मैला धोती है,
हर वर्ग मे पुरुषो द्वारा शोषित होती है कामिनी,
सरे आम सामूहिक दुष्कर्मा का शिकार होती है दामिनी,
पैदा होने से पेहले ही कोख मे मार दिया जाता है,
कहीं खिलने से पेहले ही उन्हे मसल दिया जाता है,
तक कर निढाल होती है पर कभी रुकती नहीं है,
ढेरो जुल्मो सितम सेहकर भी कभी टूटती नहीं है,
दुनिया की हर नारी के लिये मेरा यह कलाम है,
अंतराष्ट्रिया महिला दिवस पर नारी को मेरा सलाम है.
............... ............... ................................by . राजेश सिंह
( अंटरास्ट्रिया महिला दिवस पर ...... विशेष कविता )
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on: Mar 1, 2019
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,,,,,,,,,,,,,,,,, टेररिज्म ,,,,,,,,,,,,,,
१,
यह उग्रगामियों को क्या कहे,,,,?
क्या इनका माँ बाप नहीं ,,,,?
कोई बीबी ,भाई ,बहन नहीं ,,?
क्यों यह लोग खून के प्यासे हैं ,,,,,?,,,,,,,,शरू ३,३१
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
इन उग्रवादियों का ना कोई माँ बाप होते हैं
ना ही होता है इनका कोई बहन ना कोई भाई
आतंक ही इनका धर्म है ईमान है मजहब है
इंसानियत नहीं इनमे ये हैं बिल्कुल कसाई ॥
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ३,३६
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
२
इनको हम भारतवासियों पर
क्यों है इतना गुस्सा ।
यही से ही तो निकले थे वे
यह नाते से हुए हमारे भाई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ३,४६
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
भले कहीं से निकले हो नहीं है इनका कोई वतन
सिर्फ भारत ही नहीं ये है पूरे विश्व के दुश्मन ।
मजहब के नाम पर भोले नौजवानों को बहकाना
इनका काम ये बस इंसानियत का खून बहाना ॥
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ३,५३
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
३
क्या मिलता है इन को बहाने से खून ,,,,,,?
क्यों नहीं रहने देते दुनिया में अमन ,,?
कितना माँ बहनो का मिला होगा शाप इनको
मिलता है जन्नत ,खून बहाने से, कहना है इनका।,,,,,,,,,शरू ३,५८
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
जिहाद से मिलेगा जन्नत, इनका तो यही है गलतफहमी
72 हूरें के लालच में खून से रंग देते हैं ये अपनी ही सरजमीं ।
इन काफिरों को तो खून बहाने से ही मिलता है चैन
ये अमन के दुश्मन हैं मरकर भी शायद ही मिलता है इनको चैन ॥
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज,,,,,,,,,४,०८
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
४
इन्हे मरना है तो मरे अपने ही देश में
भारत देश के अंदर आते हैं क्यों यह दरिंदे ,,,,,,,?
आज़ादी के बाद खोये हैं हम कितने जान
किया है क्या ऐसी गुनाह हम भारत की वासी ,,,,,,,,,शरू ,,४,१३
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
इनका ना कोई देश होता है ना कोई वतन
हमेशा खून बहाने का करते है ये बस जतन ।
हम भारतवासी का तो बस यही है गुनाह
उस मुल्क के साथ नरमी बरती जिस मुल्क ने दिया इनको पनाह ॥ ,राज,,,4.20
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on: Mar 1, 2019
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चरित्रहीन ---- एक प्रेरणादायक कहानी -एक बार अवश्य पढे ...पसंद आये तो जरूर शेयर करे।..............
एक बार एक बुजुर्ग को उनके बातो से प्रभावित हो एक औरत ने उन्हें अपने घर खाने का निमंत्रण दिया । बुजुर्ग निमंत्रण स्वीकार कर उस औरत के घर भोजन के लिए चल पड़े । रास्ते में जब लोगों ने उस औरत के साथ बुजुर्ग को देखा तो, एक आदमी उनके पास आया और बोला कि आप इस औरत के साथ कैसे? बुजुर्ग ने बताया कि वह इस औरत के निमंत्रण पर उसके घर भोजन के लिए जा रहे हैं, यह जानने के बाद उस व्यक्ति ने कहा कि आप इस औरत के घर न जाऐं आप की अत्यंत बदनामी होगी
क्योंकि यह औरत चरित्रहीन है।
इसके बावजूद बुजुर्ग न रुके, कुछ ही देर में यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई। आनन फानन में गांव का मुखिया दौडता हुआ आ गया और बुजुर्ग से उस औरत के यहां न जाने का अनुरोध करने लगा।
विवाद होता देख बुजुर्ग ने सबको शांत रहने को कहा, फिर मुस्कराते हुए मुखिया का एक हाथ अपने हाथ में कस कर पकड़ लिया और बोले क्या अब तुम ताली बजा सकते हो?
मुखिया बोला एक हाथ से भला कैसे ताली बजेगी ।
इस पर बुजुर्ग मुस्कुराते हुए बोले जैसे एक हाथ से ताली नहीं बज सकती तो अकेली औरत कैसे चरित्रहीन हो सकती है जब तक कि एक पुरुष उसे चरित्रहीन बनने पर बाध्य न करे। चरित्रहीन पुरुष ही एक औरत को चरित्रहीन बनाने में जिम्मेदार है।
यह कैसी विडम्बना है कि इस कथित " पुरुष प्रधान समाज के अभिमान में ये पुरुष अपनी झूठी शान के लिए औरत को केवल अपने उपभोग की वस्तु भर समझता है और भूल जाता है कि जिस औरत को वह चरित्रहीन कह रहा है उसका जिम्मेदार वह स्वयं है।
ॐ शांति
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on: Mar 1, 2019
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संस्कृत :
कुछ रोचक तथ्य....
संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा।
आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं,जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे;;
.1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है।
वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है।
जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है।
10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है।
11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह,कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा।
संस्कृत में बात करने से मानव शरीरका तंत्रिका तंत्र सदा सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश (PositiveCharges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है।
13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है।
14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था।
आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।
15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है।
जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था।
उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई।
आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं।
जैसे
अहम् विद्यालयं गच्छामि।
विद्यालयं गच्छामि अहम्।
गच्छामि अहम् विद्यालयं ।
उक्त तीनो के अर्थ में कोई अंतर नहीं है।
17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।
18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृतभाषा पर आधारित होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है।
इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।
20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा!
और हमारे भारतीय लोगों की मूर्खता की पराकाष्ठा तो देखिये वो हमारी मूल भाषा को छोड़कर अंग्रेजी जैसे विक्षिप्त और गरीब भाषा को बोलने पर गर्व करते हैं..!! जागरूक बनिये... मातृभाषा हिंदी और संस्कृत को प्राथमिकता दीजिए..!!
संस्कृत भारती
जनजागरूकता हेतु लेख को आगे साझा अवश्य करें..!!
वंदेमातरम् 🚩 🚩
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on: Mar 1, 2019
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जय श्री महाकाल हर हर महादेव
" शिवाष्टकम
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ॥१॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं।
करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतोऽहं ॥२॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं। मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा ॥३॥
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं। प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥४॥
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं। अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम्।
त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं। भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ॥५॥
कलातीत कल्याण कल्पांतकारी। सदासज्जनानन्ददाता पुरारी।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥६॥
न यावद् उमानाथ पादारविंदं। भजंतीह लोके परे वा नराणां।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं। प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥७॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां। नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं।
जराजन्म दु:खौघ तातप्यमानं। प्रभो पाहि आपन्न्मामीश शंभो। ॥८॥
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये।
ये पठन्ति नरा भक्तया तेषां शम्भु: प्रसीदति॥
श्रीरुद्राष्टकम स्त्रोतं शिवार्पणमस्तु। "
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on: Mar 1, 2019
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स्त्री क्या चाहती है
बेईज्जत करने वाले सब,
कोई इज्जत करने वाला होता 😢
वासना मिटाने वाले सब,
कोई प्रेम करने वाला होता 😢
नोचने वाले सब,
कोई सहजने वाला होता 😢
दुपट्टा उतारने वाले सब,
कोई डालने वाला होता 😢
मारने वाले सब
कोई बचाने वाला होता 😢
मिटाने वाले सब,
कोई बनाने वाला होता 😢
दुःख देने वाले सब,
कोई मुस्कान देने वाला होता 😢
खुद को समझने वाले सब
कोई स्त्री को भी समझने वाला होता 😢
दहेज माँगनेवाले सब
कोई दुल्हन को ही दहेज़ समझने वाला होता 😢
(काश की ऐसा और ये सब होता, तो कोई संजली, निर्भया, सोनी, आसिफा, गुड़िया, रानी, बिटिया (अनगिनत स्त्रियां) 😭😭😭😭😭 न जलती न मरती सब होती) पर अफसोस, 😭😭😭😭😭😭😭😭😭💔
विनम्र निवेदन है, की अपनी सोच बदले, आखिर कब तक स्त्री ऐसे ही मरती रहेगी, और ये सब होता रहेगा 😭😭😭😭💔😭💔😭💔💔😭
(अपने बच्चों पर ध्यान दें, और उन्हें अच्छे संस्कार दें, उन्हें नैतिकता सिखाये, क्यों की भेड़िये, हैवान हमारे समाज के ही होते हैं , आज इस आधुनिकता के परिवेश में माँ पिता बच्चों को समय नही देते, या न दें पाते हैं , ये जो कुछ भी हमारे समाज में हो रहा हैं, उसका कारण कहीं न कहीं हम सब है, संस्कार है,
कब तक हम किसी सरकार को दोष देते रहेंगे, सरकार हमे संस्कार देने नही आयेगी, सरकार अपराध रोक सकती है, मुल्जिमो को सजा दे सकती है, न की हमारे नजरिये को बदल सकती है, न ही संस्कार दे सकती है, ये हमे खुद ही करना होगा,
अपने परिवार ds बच्चो को समय दे, अच्छे संस्कार दे, रोज की दिनचर्या जाने, बात करे,)
नारी के पेट से जन्म लिऐ फिर नारी का आपमान किया ;s किस की पहचान है
नारी मान सम्मान है आभिमान है।
नारी से कोई ताकतवर नही होता नारी को कभी कमजोर ना समझो, नारी खुद मर्द को जन्म देती है लेकिन देश का आभिमान बनाये रखी है ।।।
।।#नारी_से_पहचान_है_हमारी_तुम्हारी
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on: Mar 1, 2019
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#_स्त्री_क्या_है_और_वह_क्या_चाहती_है ?
#अगर_किसी_को_बुरा_लगे_तो_माफी_चाहता_हूँ
स्त्री समस्त ब्रम्हाण्ड है
स्त्री से ही ये संसार है। स्त्री सृजन है
स्त्री जननी है। स्त्री सुख है
स्त्री आनंद है। स्त्री सहयोग है
स्त्री साथी है। स्त्री ज्ञान है
स्त्री अध्यात्म है। स्त्री उजाला है, रोशनी है
स्त्री उम्मीद है। स्त्री पवित्र है
स्त्री संगम है। स्त्री साथ है
स्त्री अहसास है। स्त्री आशा है
स्त्री जीवन है। स्त्री धूप में छाँव है
स्त्री थकान में राहत है। स्त्री प्रेम है
स्त्री पूजा है। स्त्री माँ है
स्त्री बहन है। स्त्री प्रेमिका है
स्त्री पत्नी है। स्त्री त्याग है
स्त्री इज्जत है। स्त्री सम्मान है
स्त्री शान है। स्त्री बलिदान है
फिर क्यों जल रही है स्त्री,
फिर क्यों मारी जा रही है स्त्री,
फिर क्यों घुट रही है स्त्री,
फिर क्यों शर्मसार हो रही है स्त्री,
फिर क्यों सरे बाजार लुट रही है स्त्री,
फिर क्यों नोचि जा रही है स्त्री,
फिर क्यों दहेज़ की सूली चढाई जा रही है स्त्री,
फिर क्यों ????????????😢😢😢😢😢
(इसके मुख्य कुछ कारण है अशिक्षा असामान्यता धर्म दिखावा खोखले रिती रीवाज
संस्कार, नजरिया, सोच, मानसिकता, झूठी शान)
अगर हमारे समाज में इनमे सुधार हो जाये, तो स्त्री खुदबखुद सुरक्षित हो जायेगी !!!!! आखिर वो भी जीना चाहती है।
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on: Feb 15, 2019
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.कायराना दुस्साहस ? ?
पुलवामा में देश के दुश्मनों ने दिया बर्बरता को अंजाम ।
चालीस सेनिकों का खून बहाकर किया नीचता भरा काम ॥
इनके सात पुश्तै याद करें ऐसी दो इन दहशतगर्दों को सजा ।
फिर कभी भारत की तरफ ना देखें चखा दो ऐसा मजा ॥
जो बहा है खून शहीदों का वो पवित्र खून जाने ना पाए जाया ।
जो पाल रहा है इन दहशतगर्दों को उस मुल्क का ही करदो सफाया॥
इस नामुराद ओछी हरकत से इस देश को डरा ना पाओगे ।
कट जाए जो देश की आन के लिए उस सर को झुका ना पाओगे
जिसने अपना बेटा, भाई, पति खोया है होगी नहीं उनकी भरपाई।
फिर भी देश की आन के लिए जान देने में पिछे नहीं हटेगा फौजी भाई ॥
पुलवामा में दहशतगर्दों ने की है जो नीच हरकत करते हैं उसकी निंदा ।
पर खाते हैं आज कसम उन गुनाहगारों में एक भी ना बच पाए जिंदा ॥
अमर शहीदों की कुर्बानी में जहाँ पूरे देश की आँखे हुई है नम ।
वहीं शहीदों के अपनों की छाती हुई चौड़ी, भले हो अपनों को खोने का गम ॥
.................................................................................द्वारा............राजेश सिंह ॥
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on: Feb 14, 2019
ratings: 4
अपना दिल पेश करूं,
अपनी वफा पेश करूं !!
कुछ समझ में नहीं आता ,
तुझे क्या पेश करुं !!
जो तेरे दिल को लुभाए ,
वो अदा मुझ में है कि नहीं !!
जानती नहीं ये अदाओं की बातें ,
इसलिए क्यों न तुझे अपनी हर अदा ही पेश करुं !!
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on: Feb 14, 2019
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४।
हाँ यह तो है सच ,छोड़ नहीं सकते ,
न ,न ,करते हम कर लेते हैं राजी
कदम से कदम मिला लेते है मजबूरन
यह भी सच है मार्केटिंग के भी हाथ है
वैलेंटाइन डे को धूम धाम करने में ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ,,,५।५५
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
बिगड़ गईं ही नई पीढ़ी इंटेरनेट और बाजारवाद के सोहबत से
चलो कमसेकम एक दिन तो लोगों में गुजरे प्यार मोहब्बत से ।
मैं तो कहता हूँ कि एक दिन प्यार के लिए बहुत कम है यार ।
साल के पूरे 365दिन मुक़र्रर होने चाहिए करने के लिए प्यार ॥
।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ।६।०३
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
५।
ठीक कहते हो आप कवि वर
प्यार होनी चाहिए साल भर ,हर दिन
मगर मन के अंदर ह्रदय में भर कर
सडकों में लड़की लड़का चूमना बंद करे
कोई विदेशी नाचते हैं तो हम क्यों नाचे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,।शरू ,,,६।09
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
हम भी तो यही चाहते हैं आए ना संस्कृति पर कोई आंच
बंद होना चाहिए अश्लीलता का खुल्लमखुल्ला नंगा नाच ।
पर अब इंटेरनेट से प्रभावित नई पीढ़ी को समझाए कौन ?
हमें क्या लेना देना सोचकर रह जाते हैं सभी मौन ॥
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ,,,,,,,,,,,६।१९
xxxxx।xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
६।
ऐसी होना चाहिए हमारी शिक्षण
की हमारी नयी पीढ़ी खुद समझे
हमारी परंपरा ,हमारी संस्कृति
उन्हें हो हमारी देश की रीत रिवाज़ पर नाज़ ।,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ६,२४
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
हमारी शिक्षण पद्दति या संस्कृति पर नहीं है कोई खोट
दरअसल ये बाजारवाद का और नेट का है जमाने पर चोट
कुछ नए जमाने ने युवा पीढ़ी को लिया है मजबूत पकड़
कुछ विदेशी कुरीतियों ने भी आम भारतीयो को लिया है जकड़ ॥
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
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,,,,,,,,,,,,वैलेंटाइन डे ,,,,,,,, p-1
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on: Feb 14, 2019
ratings: 9
,,,,,,,,,,,,,वैलेंटाइन डे ,,,,,,,,
१
यह क्या है हम कहाँ जा रहे हैं
यह क्या है वैलेंटाइन डे ,,,,।?
प्यार करनेका खुल्लम खुल्ला
क्यों करते हैं प्रदर्शन यहां वहां ,,?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ।५।१४
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
ये दिन है जब करने का प्यार का इजहार ।
तो लोगों को क्यों है इस बात पर ऐतराज ।
साल में एक ही दिन तो मुकर्रर है प्यार के लिए
तो हम दो दिलों के बीच क्यों आएं यार ॥ 😀😀😁😁
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ५,१९
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
२।
प्यार के खिलाफ हम नहीं हरगिज
भरे पड़े हैं प्यार की कथा से हमारी इतिहास
हम है खिलाफ इनकी नंगे नाच पर
प्यार को क्यों बनाते हैं लोग फ्री शो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ५।२५
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
नौजवानों में नई उमंग होती है
प्यार की नई ।तरंग होती है
हो सकता है हो कोई इनमे भी लैला मजनू या शीरी फरहाद
जो आगे चलकर रचेंगे प्यार का इतिहास ॥
।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ,,,,,,५।३२
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
३।
रह ने दो प्यार की उमंग और तरंग
मगर करते हैं इसका प्रदर्शन सड़को पर
छोटे बच्चे ,बड़े बूढ़ों पर होती है असर
चलना पड़ता हैं हम कुछ देख रहे हैं
जो हमें देखना नहीं चाहिए हर गिज,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ५।३९
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
अब क्या करें जब प्यार करे दो दीवाने को
अपनाना पड़ेगा हमको ऐसे ही जमाने को ।
बाकी इंटरनेट ने कर दी ही पूरी कसर ।
और कुछ तो है ये बाजारवाद का असर ॥
।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥,,,,,,,५।५०
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
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score: 9.30162
average: 10.0
on: Feb 11, 2019
ratings: 2
हर शाम की लाली में खो कर,
सूरज को ढलते देखा है,
झूठे सपनो की चाह में हमने,
रातों को गुजरते देखा है,
चाँद है कोशों दूर हमसे पर,
नदी के ठहरे जल में अक्सर,
चांदनी को मचलते देखा है,
उम्र का तकाज़ा हमसे न जताओ साहब,
इतनी सी उम्र में हीं हमने,
जीने का हर रूप देखा है,
हमने फ्यूचर की बस के इंतज़ार में,
बचपन की आइस्क्रीम को पिघलते देखा है,
जीने की खुशियों के बीच,
किसी की याद को खलते देखा है,
लबों पे हँसी रख के अक्सर,
हर दिल को जलते देखा है,
टूटती निगाहों में भी हमने,
नए ख्वाब मचलते देखा है,
हमसे न पूछो ज़िंदगी की,
सफर के रास्तों के बारे में साहब,
जरुरत पड़ने पर हमने,
अपनों को बदलते देखा है,
अपने हीं यादों में अपना,
खोया हुआ बचपन देखा है,
माँ की ममता में हमने,
भगवन के रूप को देखा है,
खुद के सीने में हमने,
मंज़िल की भूख को देखा है,
हमसे न सुनाओ,
मुसीबतें इन राहों की,
हमने बिन पंखों के भी,
लहरों को उड़ते देख! है.....
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on: Feb 9, 2019
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बड़ी लम्बी गुफ्तगू करनी है,
तुम आना एक पूरी ज़िंदगी ले कर,
सिकवे भी हैं तुमसे और,
किस्से भी हैं कुछ वही पुराने,
धड़कन भी कुछ शांत पड़ी है,
आ जाओ कभी तुम इसे चुराने,
आओ तो कुछ नयी बात बताएं,
कुछ किस्से तुमसे जुदाई के,
बाँटें थोड़ा सुकून भी,
तुमसे अपनी तन्हाई के,
तुम आना तो फुर्सत में आना,
जाने की हर ज़िद्द भुला कर,
शुरूआती दिनों में थी जो भी,
चेहरे पे वही ताज़गी ले कर,
बड़ी लम्बी गुफ्तगू करनी है,
तुम आना एक पूरी ज़िंदगी ले कर....
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on: Jan 23, 2019
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माना बरसो से तुम साथ हो मेरे
न मेरी राहों पे तुम्हारे क़दमों के निशाँ हैं
न मेरी मँजिलों का पता है तुम्हें
कैसे कह दूँ जान! मैं हमसफर तुम्हें
माना बरसों से रखते हो तुम ख़याल मेरा
न मेरे जज़्बातों की है ख़बर तुम्हें
न मेरे लफजों की है क़दर तुम्हें
कैसे कह दूँ जान !मैं हमनवां तुम्हें
माना बरसो से रिश्ता है तुम्हारा मेरा
न मेरी मुस्कराहट में खिलखिलाते हो
न मेरे अश्क़ अपने काँधे पे सजाते हो
कैसे कह दूँ जान! मैं हमनशीन तुम्हें
माना बरसों से मुझमें बसा घर है तुम्हारा
न मेरी दिवारों पे यादें सजाते हो
न मेरे आँगन में रजनीगंधा महकाते हो
कैसे कह दूँ जान! मैं हमनफस तुम्हें!
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on: Jan 19, 2019
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................रिहाई तेरी काली झुल्फों से ..............
1.
कल भी था ,आज भी है तेरा इन्तेजार ,
कैसे कहू की मुझे तुमसे है प्यार .
दफ़नाने नहीं तुमको मनाने आया हूँ .
साथ में दिल मेरा दिल का तोहफा लाया हूँ ........... .by राज
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चलो हठो वह कमज़ोर दिल का क्या करना ?...
बहुत देखि है यह तेरा रोज़ का बहाना ..
इतना आसान भी नहीं इस बार हमें मनाना ...
हम जानते है तुम्हे इंतज़ार है अब रिहाई का ............. by .. शरू
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2.
माना की आसान नहीं तुम्हे मनाना आज .
पर ये नामुमकिन भी तो नहीं हरगिज .
रिहा हो जॉन कभी तेरी काली झुल्फों से .
यह तो कभी मुमकिन नहीं इस जीवन में ............ .......by.. ..राज
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आइना में दिखती ऐश्वर्य कभी आती नहीं हाथ ,
रेगिस्थान में नज़र आती पानी , मिलती नहीं
आँख मिचोली खेलते सितारे हाथ नहीं लगते ,.
कभी कभी हाथ का निवाला मुह तक नहीं आते ............by शरू .
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on: Jan 17, 2019
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पानी और प्यास के बीच ,
जो रिश्ता एक अनोखा है !
वह रिश्ता तेरा मेरा है !!
तू मेरी आँखों का पानी है ,
मैं प्यास तेरे जीवन की हूँ !!
तू हर पल बहता रहता है ,
मेरी आँखों का मोती बन !
मैं हर पल बढ़ती रहती हूँ ,
तेरे रोम-रोम की इच्छा बन !!
तेरे और मेरे बीच जो रिश्ता एक अनोखा है ,
ना अब तक तुझको मैं समझी हूँ
ना ही तूने मुझको समझा है !!
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on: Jan 3, 2019
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हमसफर ....
तेरी धड़कन बिगड़ी तो मन ने चाहा
सीने को तेरे मैं अपना दिल दे दूँ
जब तक चलें यह सांसे मेरी
घूलती रहें इनमें बातें तेरी
कानों मे मेरे हरदम
सुर तेरी हँसी का हो
शोर तेरे ठहाकों का हो
ज़िंदगी की किताब में
बचे है कितने पन्ने कोरे अभी
मिल कर लिखने है हमें
इसमें अभी अफ़साने कई
उठो!नफज मे भर लो स्याही नयी
यह महज़ पड़ाव है या बस
राह बदलने का कोई इशारा
तेरे मेरे क़दमों ने तय करने हैं
मेरी जान! अभी सफ़र कई
थाम हाथ चलो फिर मेरा
सुनो! पुकार रहीं हैं हमें मँजिल कई
जगह कहाँ आँखों में अश्क़ों की
बिखरे हैं इनमें अधूरे ख़्वाब कई
अधूरे वादे हैं कुछ,जो पूरे अभी करने हैं
कुछ शिकवे भी बाक़ी हैं जो
तुम्हें मुझसे और मुझे तुमसे करने हैं
देखो मुस्कुराकर मेरी आँखों में
बन हिना तेरे नाम की
यह अश्क़ सजा देंगे हथेलियाँ मेरी
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on: Jan 3, 2019
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कोई मुझ से पूछ बैठा
“बदलना” किसे कहते हैं?
सोच में पड़ गई हूँ
मिसाल किस की दूँ?
“मौसम” की
या
“अपनों” की.
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