बीत रहा है लम्हा लम्हा,
कट रहा रास्ता जिंदगी इन्तजार ए अलम में है नजरें प्यासी, प्यासी जिंदगी बेशक ,वफा से है चलना मंजिल ए महोबत जिंदगी वेवफाई दिल्लगी ,समजता रुहाना मिटना, कुरबान जिंदगी मिला भी क्या ?बीछड जाये दोनो से परे ,हकीकत जिंदगी बीछड ना पाये अहेसास महेफुस हयीति ,सब मे जिंदगी टुटते रहे ,फीर जुडते रहे जन्मोजनम की कहानी जिंदगी बात है जजबात हमदर्द ही दर्द ए अलम ,मरहमी है जिंदगी |
Comments
*कभी मन की निराशा,*
*कभी खुशियो की धूप,*
*कभी हकीकत की छांव,*
*कुछ खोकर कुछ पाने की आशा,*
*शायद यही है जीवन की परिभाषा...!!!*
*_🙏-*
पर हम ख़ामोशी पे राज़ करते है।