तेरे मेरे दरमियाँ
=========== फकत सुकुन से कुछ लफ्ज गुजरे इत्मिनान कुछ जजबात अपनापन, तेरे मेरे दरमियाँ ना लेना ना देना , फकत मौज ए मिलन ही बुलबुले का अहेसास फकत तेरे मेरे दरमियाँ ना रुसवाई कभी ना मौज ए मिलन अपना सपना रंगीन लफ्ज बुनना, तेरे मेरे दरमियाँ गुजरे हाल मस्त ,फूलों की महक, नजाकत शबनमी भीगा अहेसास , तेरे मेरे दरमियाँ घौंसला है तिनका तिनका जजबात का यह तितर बीतर ना हो जाय , तेरे मेरे दरमियाँ |
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