बड़ी लम्बी गुफ्तगू करनी है,
तुम आना एक पूरी ज़िंदगी ले कर, सिकवे भी हैं तुमसे और, किस्से भी हैं कुछ वही पुराने, धड़कन भी कुछ शांत पड़ी है, आ जाओ कभी तुम इसे चुराने, आओ तो कुछ नयी बात बताएं, कुछ किस्से तुमसे जुदाई के, बाँटें थोड़ा सुकून भी, तुमसे अपनी तन्हाई के, तुम आना तो फुर्सत में आना, जाने की हर ज़िद्द भुला कर, शुरूआती दिनों में थी जो भी, चेहरे पे वही ताज़गी ले कर, बड़ी लम्बी गुफ्तगू करनी है, तुम आना एक पूरी ज़िंदगी ले कर.... |
Comments
सिकवे भी हैं तुमसे और,
किस्से भी हैं कुछ वही पुराने..!
so nice saying......