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हाँ यह तो है सच ,छोड़ नहीं सकते , न ,न ,करते हम कर लेते हैं राजी कदम से कदम मिला लेते है मजबूरन यह भी सच है मार्केटिंग के भी हाथ है वैलेंटाइन डे को धूम धाम करने में ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ,,,५।५५ xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx बिगड़ गईं ही नई पीढ़ी इंटेरनेट और बाजारवाद के सोहबत से चलो कमसेकम एक दिन तो लोगों में गुजरे प्यार मोहब्बत से । मैं तो कहता हूँ कि एक दिन प्यार के लिए बहुत कम है यार । साल के पूरे 365दिन मुक़र्रर होने चाहिए करने के लिए प्यार ॥ ।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ।६।०३ xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx ५। ठीक कहते हो आप कवि वर प्यार होनी चाहिए साल भर ,हर दिन मगर मन के अंदर ह्रदय में भर कर सडकों में लड़की लड़का चूमना बंद करे कोई विदेशी नाचते हैं तो हम क्यों नाचे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,।शरू ,,,६।09 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx हम भी तो यही चाहते हैं आए ना संस्कृति पर कोई आंच बंद होना चाहिए अश्लीलता का खुल्लमखुल्ला नंगा नाच । पर अब इंटेरनेट से प्रभावित नई पीढ़ी को समझाए कौन ? हमें क्या लेना देना सोचकर रह जाते हैं सभी मौन ॥ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ ,,,,,,,,,,,६।१९ xxxxx।xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx ६। ऐसी होना चाहिए हमारी शिक्षण की हमारी नयी पीढ़ी खुद समझे हमारी परंपरा ,हमारी संस्कृति उन्हें हो हमारी देश की रीत रिवाज़ पर नाज़ ।,,,,,,,,,,,,,,,,,,शरू ६,२४ xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx हमारी शिक्षण पद्दति या संस्कृति पर नहीं है कोई खोट दरअसल ये बाजारवाद का और नेट का है जमाने पर चोट कुछ नए जमाने ने युवा पीढ़ी को लिया है मजबूत पकड़ कुछ विदेशी कुरीतियों ने भी आम भारतीयो को लिया है जकड़ ॥ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राज ॥ xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx |
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