कुछ लोग भी हमसे इस कदर खफ़ा हैं
या तो वो बेवफ़ा या हम बेवफ़ा हैं !! नब्ज देख कर बता देता है वो हबीब मेरी हर मर्ज़ की आप ही तो दवा हैं !! वो कभी समझते नहीं मेरे जज्बात को और हम भी आजकल उन्हीं पर फ़िदा हैं !! कब से जारी है मुझको तलाश अपनी ही आज तक न जाने हम कहाँ लापता हैं !! अपने आपको छल रहे हैं लोग आजकल न जाने अब कहाँ देखते आइना हैं !! |
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